पूजा करते समय क्यों बजाई जाती है घंटी? बहुत ही रोचक है जानकारी….
Garudha Ghanti
Garudha Ghanti ; हिन्दू धर्म के देवता की पूजा करते समय घर में घंटी जरूर बजाई जाती है और मंदिर में एक बड़ा घंटा रखा जाता है, जिसे पूजा के समय बजाया जाता है। घंटी या घंटी बजाए बिना भगवान की पूजा अधूरी मानी जाती है। इसी वजह से मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही एक बड़ा घंटा लगाया जाता है ताकि लोग उसे बजा सकें।
लेकिन घंटी बजाने के रहस्य के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि घंटी क्यों बजाई जाती है? वैसे तो इसका धार्मिक महत्व है, लेकिन इसका वैज्ञानिक कारण भी पता चल चुका है। घर या मंदिर में प्रतिदिन घंटी बजाने से घर में सकारात्मकता आती है। लेकिन मंदिर में घंटी बजाने वाले नित्य उपासक यह नहीं जानते कि उस पर किस देवता की तस्वीर बनी है?
इसलिए इसे गरुड़ घण्टी कहा जाता है
आमतौर पर लोग पूजा करते समय घंटी बजाते हैं और इस घंटी पर गरुड़ देव नामक देवता की तस्वीर होती है। ऐसा माना जाता है कि घंटी पर गुरुदेव की तस्वीर बहुत ही शुभ होती है। गरुड़ देव को भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है और इसे बजाने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार गरुड़ देव भक्तों की समस्या भगवान विष्णु के पास लेकर जाते हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि गरुड़ घंटी बजाने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कहा जाता है कि जिस ध्वनि से ब्रह्मांड की रचना हुई, वही ध्वनि गरुड़ घंटी से भी निकलती है। इसलिए गरुड़ घंटी से निकलने वाली ध्वनि को विशेष माना जाता है। इसलिए मंदिरों के प्रवेश द्वार पर घंटियां लगाई जाती हैं ताकि भक्त प्रवेश करते समय इसे बजाएं। ऐसा करने से वातावरण में सकारात्मकता आती है। इसलिए पूजा के समय घंटा या घंटा बजाया जाता है।