Dragon fruit Farming : जाने कैसे होती है ड्रैगन फ्रूट की खेती, कम खर्च में कमा पाएंगे अधिक लाभ

Dragon fruit Farming : कृषि के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। लोग अपनी नौकरी छोड़कर कृषि को अपनी आय का मुख्य स्रोत बना रहे हैं और इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है. अगर आप खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो ड्रैगन फ्रूट की खेती में हाथ आजमा सकते हैं।

ड्रैगन की खेती से होगी बंपर कमाई
ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें भी सब्सिडी दे रही हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में की जा रही है। बाजार में इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है। जिससे यह खेती में हाथ आजमाने वालों के लिए आय का एक बेहतर जरिया बन सकता है।

ड्रैगन फ्रूट क्या है, इसके क्या फायदे हैं?
ड्रैगन फ्रूट कैक्टस की एक प्रजाति है। भारत में इसे कमलम के नाम से जाना जाता है। ड्रैगन फ्रूट दो प्रकार के होते हैं। एक लाल गूदे वाला और दूसरा सफेद गूदे वाला, इसके फूल बहुत सुगंधित होते हैं, जो रात को खिलते हैं और सुबह तक झड़ जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट कैंसर और लिवर की बीमारियों के लिए रामबाण है। इसका उपयोग सलाद, जैम, जेली और शेक बनाने में किया जाता है। ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।

एक खंभे में 10-12 किलो ड्रैगन फ्रूट मिलता है
ड्रैगन फ्रूट के एक फल का वजन 300 से 400 ग्राम तक होता है। एक खंभे पर 10 से 12 किलो फल आ जाता है। इसके पौधों को रोग और कीट नहीं लगते हैं। इसलिए कीटनाशक का खर्च भी बच जाता है।

70 हजार रुपए की सब्सिडी मिल रही है
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को हरियाणा सरकार सब्सिडी देती है। क्योंकि इसे फलने-फूलने के लिए एक स्तंभ की जरूरत होती है। हरियाणा सरकार का बागवानी विभाग प्रति एकड़ 70,000 रुपये की सब्सिडी देता है। इसकी खेती में बहुत कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसे मार्च से जुलाई के बीच कभी भी बोया जा सकता है। लगाने के बाद ड्रैगन फ्रूट का पेड़ करीब एक साल में तैयार हो जाता है और जुलाई से अक्टूबर तक फल देता है।

एक बार खर्च करो और 25 साल तक घर बैठे कमाओ
ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिर्फ एक बार निवेश कर 25 साल तक कमाई की जा सकती है। बाजार में एक ड्रैगन फ्रूट की कीमत 80 से 100 रुपए तक है। एक एकड़ से सालाना 7 से 8 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है। इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.