Borewell Rescue: देखे विडियो 84 घंटे ज़िंदगी और मौत के बीच तन्मय ने तोड़ा दम; नहीं बच सकी मासूम ज़िंदगी

Betul Borewell Big Update: मध्यप्रदेश के बैतूल में बोरवेल में फंसे मासूम तन्मय का आखिरकार रेस्क्यू पूरा हो गया, लेकिन तन्मय को बचाया नहीं जा सका। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे होमगार्ड कमांडेंट एसआर अजमी से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 5 बजे बच्चे को रेस्क्यू किया गया। बच्चे की मौत हो चुकी है। उसे पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस से बैतूल जिला अस्पताल लाया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। पूरी रात चले रेस्क्यू अभियान के बाद कलेक्टर और एसपी भी मौजूद रहे। सुरंग बनाने का काम 2 दिन से जारी था। इस बीच तन्मय का शव निकालते ही परिजनों को रो- रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।

बता दें कि लगातार 84 घंटों से तन्मय का रेस्क्यू चल रहा था। तन्मय बोर में मंगलवार शाम 5 बजे बोर में गिरा था। कठोर चट्टान और पानी ऑपरेशन में लगातार बाधा बन रहे थे। इसके बावजूद बचाव दल तन्मय तक पहुंचने की मशक्कत में लगा रहा और आखिरकार आज सुबह रेस्क्यू करने में सफल भी हो गया, लेकिन लाख कोशिशों और दुआओं के बावजूद मासूम तन्मय की जान नहीं बच सकीं।

बता दें कि जिले के आठनेर ब्लॉक के ग्राम मांडवी के निकट मंगलवार शाम 5 बजे 8 साल का बालक तन्मय बोरवेल में गिर गया था। बोरवेल में फंसे तन्मय को बाहर निकालने के लिए तेजी से रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा था। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम तेजी से सुरंग बनाने के लिए जुटी रही। हार्ड चट्टान रेस्क्यू में अवरोध बनती रही। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस एवं पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद पूरे समय मौके पर मौजूद रहकर रेस्क्यू की निगरानी करते रहें। सीएम और प्रभारी मंत्री भी मामले में नजर रखें हुए थे।
रेस्क्यू में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे
रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी ने बताया कि बोरवेल में तन्मय 39 फीट पर फंसा हुआ था। बच्चों की नॉर्मल हाइट तीन से चार फीट मानकर हमने 44 फीट तक गड्ढा खोदा है। टनल बनाने में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे थे।

गुरुवार तक प्रशासन की टीम ने बोर के समतल 50 फीट खुदाई कर ली थी। इसके बाद उसके बाजू में सुरंग बनाने का काम शुरू किया। यहां बड़ी चट्टानें आ जाने से रेस्क्यू अभियान में लगातार बाधा आ रही थी।

सेंट्रिंग डालकर हटाया मलबा
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू अभियान के दौरान कुल 9 फीट सुरंग खोदने के बाद मलबे को बाहर निकालने के लिए सेंट्रिंग का उपयोग किया गया। चूंकि सुरंग खोदने के दौरान बड़े पत्थर ड्रिलिंग मशीन से तोड़े गए। इसे हटाने के लिए सेंट्रिंग लगाई गई। पहले मलबे को निकाला गया। इस दौरान तन्मय से लगातार कांटेक्ट करने की कोशिश भी की गई, लेकिन उसका रिस्पांस ही नहीं मिल रहा था। उसे बाहर निकालते ही तीन डॉक्टरों की टीम ने जांच की और अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसे मृत करार दे दिया गया। इससे पूरे जिले में शोक व्याप्त हो गया है।

बच्चे के चाचा राजेश साहू ने कहा
हमारे लिए बहुत दुख की घड़ी है। हमने तो यह सोच रखा था कि सफल होंगे और हमारा बच्चा हमें वापस मिल जाएगा। बचाव दल ने तो दिन-रात प्रयास किया है, पर कहीं न कहीं लेट हो गए। अगर हमारे पास ऐसा कोई संसाधन होता, जिससे हम बच्चे को उसी दिन निकाल लेते, तो वो बच जाता। टीम वर्क बहुत अच्छा रहा, लेकिन हम लेट हो गए। हमारा तन्मय हमेशा के लिए डर चला गया
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