Sarso Ki Kheti : सरसों की अधिक पैदावार के लिए नई उन्नत किस्में, पढ़े पूरी जानकारी

Sarso Ki Kheti : देश में खरीफ फसल का मौसम खत्म हो गया है। इसके बाद किसानों ने रबी की फसल की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में किसानों को रबी सीजन में कम समय में तैयार होने वाली फसलों की उन्नत किस्मों को चुनना चाहिए ताकि किसानों को कम समय में अधिक लाभ मिल सके। जैसा कि आप जानते हैं कि ट्रैक्टर जंक्शन आपको मौसम के अनुसार समय-समय पर उन्नत किस्मों के बारे में अपडेट करता रहता है। इसी कड़ी में आज हम आपको सरसों की एक ऐसी किस्म के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कम समय में तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार भी अच्छी होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरसों की पूसा सरसों-28 एक ऐसी किस्म है जो महज 100 दिनों में पक जाती है और इसमें तेल की मात्रा भी प्राप्त की जा सकती है. आइए आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से कम समय में तैयार होने वाली इस किस्म की सरसों की जानकारी देते हैं ताकि आप सरसों का बेहतर उत्पादन कर सकें।

क्या है पूसा सरसों-28 . की खासियत
सरसों की यह किस्म 105-110 दिनों में पक जाती है।
इस किस्म से लगभग 1750 से 1990 किलोग्राम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
यह किस्म हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के लिए विकसित की गई है।
इस किस्म में तेल की मात्रा 21.5 प्रतिशत पाई जाती है।
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इस किस्म की बुवाई से किसानों को क्या लाभ होगा
सरसों की इस किस्म की बुवाई से किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन मिलेगा। इसमें तेल की मात्रा भी अन्य किस्मों की तुलना में इस किस्म में बेहतर होती है। खास बात यह है कि यह किस्म कम समय में पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को अगली फसल की तैयारी के लिए समय मिल जाता है।

सरसों की बुवाई करते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
सरसों की बुवाई करते समय किसानों को जिन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए वे इस प्रकार हैं-

  • कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की बुवाई का सबसे अच्छा समय 5 से 25 अक्टूबर के बीच है। इस समय सरसों की बुवाई से अच्छा उत्पादन मिलता है, इसलिए किसान 25 अक्टूबर तक सरसों की बुवाई करें।
  • सरसों की बुवाई के लिए किसान एक एकड़ खेत में 1 किलो बीज का प्रयोग करें।
  • सरसों को एक कतार में बोना चाहिए ताकि निराई आसान हो।
  • सरसों की बुवाई देशी हल या सरिता या सीड ड्रिल से करनी चाहिए।
  • इस पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30 सेमी है। और पौधे से पौधे की दूरी 10-12 सेमी है। होना चाहिए
  • सरसों की बिजाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बीज 2-3 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें। इससे अधिक गहराई में नहीं बोना चाहिए क्योंकि अधिक गहराई पर बोने से बीज के अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • सरसों की बिजाई के समय खेत में 100 किलो सिंगल सुपरफॉस्फेट, 35 किलो यूरिया और 25 किलो म्यूरेट पोटाश का प्रयोग करना अच्छा रहता है।

Source : Internet

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