Nag Panchami 2023: साल में सिर्फ नाग पंचमी पर होते हैं नाग चंद्रेश्वर प्रतिमा के दर्शन

Nag Panchami 2023 – नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। वैसे तो भारत में कई नाग मंदिर हैं। लेकिन उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर का अपना ही महत्व है। यह मंदिर महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। यह मंदिर पूरे वर्ष में केवल नागपंचमी के दिन ही पूरे 24 घंटों के लिए खोला जाता है। मान्यता है कि यहां स्वयं नागराज तक्षक निवास करते हैं। इस मंदिर के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के सर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

Nagchandreshwar Temple | आखिर क्यों साल में एक ही दिन खुलता है उज्जैन का यह  प्रसिद्ध नाग मंदिर, जानें इसके पीछे का रहस्य | Navabharat (नवभारत)

नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित प्राचीन मूर्ति
कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित भगवान नागचंद्रेश्वर की मूर्ति 11वीं शताब्दी की है, जिसे नेपाल से आयात किया गया था। ऐसा माना जाता है कि परमार राजा भोज ने लगभग 1050 ईस्वी में इस मंदिर का निर्माण कराया था। इसके बाद 1732 में सिंधिया परिवार के महाराज राणोजी सिंधिया ने महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।

इस मंदिर में ऐसे विराजमान हैं भोलेनाथ
महाकाल मंदिर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर की मूर्ति 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। जहां भगवान शिव और माता पार्वती फन फैलाए नाग के आसन पर विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है कि यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान शिव पूरे परिवार के साथ दशमुखी नाग में विराजमान हैं।

Nag Panchami 2019: साल में सिर्फ नाग पंचमी पर होते हैं 11वीं शताब्दी की नाग  चंद्रेश्वर

दर्शन से सर्पदोष से मुक्ति मिलती है
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के सर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

https://www.instagram.com/p/CSfXE_qjpaR/?utm_source=ig_embed&ig_rid=95edc02c-5193-44c1-90a3-c9fe2e89904e

नागचंद्रेश्वर मंदिर एक ही दिन क्यों खुलता है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नागों के राजा तक्षक ने भगवान शिव को मनाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने साँपों के राजा तक्षक नाग को अमरता का वरदान दिया। ऐसा माना जाता है कि राजा तक्षक भगवान के सान्निध्य में रहने लगे, लेकिन महाकाल के वन में रहने से पहले उनकी मंशा थी कि उनके एकांत में कोई विघ्न न हो। इसी परंपरा के कारण इस मंदिर के दरवाजे साल में केवल एक बार खोले जाते हैं और बाकी समय दरवाजे बंद रहते हैं।

नागकेसर के फायदे जानकर हो जायेंगे आप हैरान !

Lal Kitab Ke Upay: कर लें ये अचूक टोटके, रातों-रात बन जाएंगे करोड़पति