Hybrid Solar Eclipse : नए साल में तीन तरह के सूर्य ग्रहण से बनेगा ‘हाइब्रिड’ सूर्य ग्रहण!

Hybrid Solar Eclipse : चर्चा तो चलती ही है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ग्रहण हाईब्रिड भी हो सकता है। सूर्य ग्रहण को कुल, आंशिक या वलयाकार के रूप में भी स्कूलों में पढ़ाया जाता है, लेकिन नया साल (वर्ष 2023) पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में एक संकर सूर्य ग्रहण ला रहा है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू बताती हैं कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आने वाली पृथ्वी के करीब होता है तो वह सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और उस हिस्से में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। यदि चंद्रमा परिक्रमा के दौरान बहुत दूर है, तो यह सूर्य की डिस्क को पूरी तरह से कवर नहीं करता है और सूर्य कंगन के रूप में चमकता हुआ प्रतीत होता है। इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

यदि चंद्रमा न तो बहुत दूर है और न ही बहुत करीब है, तो एक संकर सूर्य ग्रहण होता है। जिसमें छाया के मध्य भाग में लोगों को पूर्ण सूर्य ग्रहण का आभास होता है, लेकिन साथ ही आसपास के लोगों को वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई दे रहा है। इसमें आंशिक सूर्य ग्रहण छाया भाग में दिखाई दे रहा है। तीनों ग्रहण एक साथ दिखाई देने के कारण इसे हाईब्रिड सूर्य ग्रहण कहते हैं। इसे वलयाकार-पूर्ण ग्रहण भी कहते हैं।
सारिका घारू बताती हैं कि यह नए साल में 20 अप्रैल को होने जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन यह भारतीय समयानुसार सुबह करीब 7 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में रहेगा। सबसे अहम बात यह है कि चौथे प्रकार के ग्रहण को समझने का यह अच्छा मौका होगा, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।

सूर्य ग्रहण की खास बातें
एक वर्ष में दो से पांच सूर्य ग्रहण हो सकते हैं।
∆ 21वीं सदी में 224 सूर्य ग्रहणों की गणना की गई है, जिनमें से केवल 7 ही संकर सूर्य ग्रहण होंगे। यानी महज 3.1 फीसदी।
∆ अंतिम संकर सूर्य ग्रहण 3 नवंबर 2013 को हुआ था।
∆ अगला संकर सूर्य ग्रहण 14 नवंबर 2031 को होगा।