FD Interest Rate: अच्छी खबर; तीन साल में पहली बार FD की ब्याज दर 8% पर पहुंची

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FD Interest Rate: एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। तीन साल में पहली बार एफडी पर ब्याज दर आठ फीसदी पर पहुंच गई है। कई बैंक वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी पर आठ फीसदी या उससे ज्यादा ब्याज की पेशकश कर रहे हैं। महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने पिछले साल पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी। इससे लोगों के लिए होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं. लेकिन एफडी में निवेश करने वालों को फायदा हुआ है। इससे खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को फायदा हुआ है जो एफडी के ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर हैं। कोरोना महामारी के दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब एफडी पर ब्याज गिरकर 5.5 फीसदी हो गया था। इसका कारण यह था कि बाजार में नकदी की भरमार थी। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।

कई निजी बैंक अब एफडी पर आठ फीसदी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 7.5 फीसदी का ब्याज दे रहे हैं। अब कई वरिष्ठ नागरिक पुरानी एफडी को तोड़कर नई दरों पर जमा करने की सोच रहे हैं। मुंबई की एक बुजुर्ग महिला ने 2020 के अंत में एक निजी बैंक में 2.5 लाख रुपये की एफडी तीन साल के लिए 5.75 फीसदी पर की थी। इसमें उनके बेटे ने उनकी मदद की। जब उन्हें पता चला कि अब उन्हें उसी अवधि पर 7.75 फीसदी ब्याज मिल रहा है तो उन्होंने अपनी पुरानी एफडी तोड़ दी और फिर नए रेट पर एफडी में डाल दिया। अब उसे सालाना करीब 20 हजार रुपये का ब्याज मिलेगा।

सबसे ज्यादा ब्याज कौन दे रहा है
पिछले महीने सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) पर ब्याज दर बढ़ाकर आठ फीसदी कर दी थी। महामारी के दौरान यह दर गिरकर 7.4 प्रतिशत हो गई। लेकिन आजकल SCSS और FD के बीच का अंतर कम हो गया है। कुछ बैंक सुपर सीनियर सिटिजन्स यानी 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को ज्यादा रेट ऑफर कर रहे हैं। उदाहरण के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया उन्हें सामान्य ग्राहकों की तुलना में 75 आधार अंक अधिक ब्याज दे रहा है। बैंक 700 दिन के डिपॉजिट पर 8 फीसदी ब्याज दे रहा है। इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक सुपर सीनियर सिटिजन को रेगुलर रेट से 80 बीपीएस ज्यादा रेट दे रहा है। उन्हें 666 दिन पर 8.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है।

इसी तरह मुंबई के एक अन्य रिटायर्ड व्यक्ति ने एक साल पहले की गई एफडी तुड़वा दी। इसकी वजह यह है कि अब उसे एफडी पर दो फीसदी ज्यादा ब्याज मिल रहा है। इन निवेशकों को इस पर कोई पेनाल्टी नहीं लगी लेकिन जानकारों का कहना है कि फायदा केस टू केस पर निर्भर करता है। लेंडिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म मनीवाइड के संस्थापक और सीईओ गौरव गुप्ता ने कहा कि मौजूदा एफडी को तोड़ना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें पेनल्टी नहीं चुकानी पड़ती है।

1-2-3 फॉर्मूला क्या है
5nance.com के सीईओ और संस्थापक दिनेश रोहिरा ने कहा कि एकमुश्त राशि जमा करने के बजाय कई अवधि के लिए छोटी राशि जमा करनी चाहिए। प्रत्येक जमा के लिए एक निश्चित लक्ष्य या वित्तीय लक्ष्य होना चाहिए। इससे निवेश अधिक तरल होगा। अगर आपने पांच साल की एफडी कराई है और तीन साल के बाद आपको पैसों की जरूरत है तो आपको एफडी तोड़ने पर 0.5 से 1 फीसदी तक की पेनाल्टी देनी होगी। वहीं अगर आपके पास एक, दो, तीन और चार साल की चार छोटी एफडी हैं, तो आपके पास जरूरत के समय पैसा रहेगा और इसके लिए आपको पेनल्टी नहीं देनी होगी।

Source : Internet

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