Covid 19: बड़ी राहत; भारतीय दवा कंपनी ने बनाई कोरोना की दवा, WHO ने दी मंजूरी

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Covid 19: साल 2019 के अंतिम दिनों में जब चीन के वुहान में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप शुरू हुआ तो किसी को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि यह इतनी बड़ी तबाही मचाएगा. देखते ही देखते यह वायरस दुनियाभर में फैल गया और तमाम देशों को संक्रमण पर रोकथाम लगाने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) लगाने पड़े. कड़े प्रतिबंधों के बावजूद कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में फैला और अब तक 66 लाख, 87 हजार से ज्यादा लोगों की मौत इस वायरस के कारण हो चुकी है. अकेले भारत में ही इस वायरस की चपेट में आने से 5 लाख, 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

शुरुआत में कोरोना के खिलाफ कोई दवा नहीं होने के कारण यह तेजी से फैला और इससे मौतों का आंकड़ा बहुत ऊंचा रहा. कई तरह की दवाओं के कॉम्बिनेशन से इस संक्रमण पर रोक लगाने की कोशिश की गई, लेकिन यह सब व्यर्थ ही रहा. आखिरकार कुछ वैक्सीन आईं, जिनका काम व्यक्ति की इम्यूनिटी को मजबूत (Immunity Booster) करना है. यह वैक्सीन कोरोना वायरस का संक्रमण न होने का दावा तो नहीं करतीं, लेकिन कोरोना के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा देने की बात करती हैं. यानी कोरोना होने पर टीकाकरण करवा चुके व्यक्ति की हालत गंभीर नहीं होगी. लेकिन अब तक कोई ऐसी दवा नहीं थी, जिसे खाकर कोरोना के संक्रमण से मुक्ति मिल सके. अब एक ऐसी दवा को WHO से मंजूरी मिल गई है.

भारत की प्रमुख जेनेरिक दवा कंपनियों में से एक हेटेरो ने सोमवार को ऐलान किया है कि उसे कोविड-19 ओरल एंटीवायरल उपचार कैंडिडेट निर्मत्रेलविर के जेनेरिक वर्जन के लिए मंजूरी मिल गई है. यह मंजूरी कंपनी को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन प्रीक्वालिफिकेशन ऑफ मेडिसिन्स प्रोग्राम (WHO PQ) से मिली है. फाइजर की कोविड-19 ओरल एंटीवायरल दवा ‘पैक्सलोविड’ के जेनेरिक वर्जन के लिए यह पहली प्री-क्वालिफिकेशन है, जिसे WHO ने उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए अब तक का सबसे अच्छा चिकित्सीय विकल्प बताया है.

कंपनी ने कहा कि WHO ने अस्पताल में भर्ती उच्च जोखिम, हल्के व मध्यम कोविड-19 मरीजों को निर्मत्रेलविर और रिटोनावीर देने की एक मजबूत सिफारिश की है. ऐसे मरीज या तो बुजुर्ग हो सकते हैं या उन्हें टीका नहीं लगाया जा सकता है.

हेटेरो द्वारा निरमाकॉम के रूप में लॉन्च किए गए कॉम्बी पैक में निर्मत्रेलविर 150 एमजी (2 टैबलेट) और रिटोनावीर 100 एमजी (1 टैबलेट) शामिल होंगी. यह दवा सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर उपलब्ध है, कोविड-19 संक्रमण की पहचान के बाद लक्षण शुरू होने के पांच दिनों के भीतर इसे जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए. कंपनी ने कहा कि निरमाकॉम का निर्माण हेटेरो की यूनिटों में किया जाएगा.

हेटेरो ग्रुप ऑफ कंपनी के प्रबंध निदेशक वामसी कृष्णा बांदी ने कहा कि निरमाकॉम के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की पहली मंजूरी प्राप्त करना कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि इससे हमें इस महत्वपूर्ण अभिनव एंटीरेट्रोवायरल दवा तक पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी, हम जल्द ही ऐसा करेंगे. हम भारत में 95 एलएमआईसीएस में निरमाकॉम को सस्ती कीमतों पर तेजी से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Source: Internet

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