Business Idea : इंजीनियर ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़ बना किसान, अब खेती से कमा रहा लाखों

business ideas, business ideas in hindi, business ideas in india,

न्यूज़ को शेयर करने के नीचे दिए गए icon क्लिक करें

Business Idea : बैतूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 7 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़ गांव आ गए और आधुनिक तरीके से खेती करने लगे। अब वे गांव में ही इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं।

बैतूल सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब बन गया लाखों कमाने वाला किसान

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के दुनावा गांव के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने नौकरी छोड़कर आम की खेती शुरू की। पुणे में 7 लाख रुपये सालाना की नौकरी छोड़कर गांव आकर आम का बाग लगाकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. 7 एकड़ भूमि में विभिन्न किस्मों के आम के 1200 पौधे रोपे गए हैं। जिससे उन्हें 5 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। इस बाग में कद्दू, कटहल और तरबूज के पौधे रोपे गए हैं। बाग के बीच खाली जगह में कद्दू और तरबूज लगाकर वे डेढ़ लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. वहीं कटहल से हर साल 2 लाख रुपये की कमाई हो रही है.

इंजीनियर बने किसान : बैतूल जिले की मुलताई तहसील के दुनावा गांव निवासी विजय पवार 2008 में इंजीनियरिंग करने भोपाल गया था. सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के बाद विजय 7 लाख रुपये के सालाना पैकेज के साथ पुणे की एक आईटी कंपनी में शामिल हो गए। 2 साल की सेवा के बाद घरेलू कारणों से 2013 में विजय की वापसी हुई। यहां आकर उन्होंने परिवार का पुश्तैनी काम संभाला। उनका परिवार होटल व्यवसाय से जुड़ा रहा है।

रत्नागिरी आम का बाग देखकर आया आइडिया घर लौटने के बाद विजय कुछ नया करने की सोचने लगा। नए आइडिया से इनकम बढ़ाने की सोच रहे थे। उन्हें खेती करने की इच्छा थी, लेकिन वह इसे पारंपरिक तरीके से करने के बजाय आधुनिक तरीके से करना चाहते थे। इसी बीच विजय एक बार किसी काम से रत्नागिरी चला गया था। उन्होंने वहां आम का बाग देखा था, जिसके बाद उनके दिमाग में आम का बाग लगाने का विचार आया। 2017 में उन्होंने दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल से अलग-अलग प्रजाति के आम के पौधे लाए और उन्हें अपने खेत में लगाया। अब ये पौधे बढ़ने लगे हैं, इनकी उपज भी मिलने लगी है।

अमेरिकन ब्यूटी के लगाए आम के पौधे विजय पाकिस्तानी नारियल और अमेरिकन ब्यूटी के आम के पौधे केरल से लाए थे। इन पौधों में उगने वाले आम का स्वाद एकदम अलग होता है। विजय कहते हैं कि ”पूरे राज्य में उनके बगीचे में सिर्फ यही दो प्रजाति के आम आते हैं. इन दोनों प्रजातियों के आम इसी मौसम से आने शुरू हो गए हैं. उनके बगीचे में दुनिया भर से लोग खाने आते हैं.” विजय के बगीचे में आम की कई किस्में इनमें दशहरी, लंगड़ा, चौसा, फाजली, बॉम्बे ग्रीन, अल्फांसो, बैंगन पल्ली, हिमसागर, केसर, किशन भोग, मालगोवा, नीलम, सुरवन सहित कई प्रजातियां शामिल हैं।

तेंदूपत्ता और प्याज से पकाते हैं आम विजय ने बताया कि आम को पकाने में तेंदूपत्ता और प्याज का इस्तेमाल होता है. बिना किसी केमिकल की मदद से आम को पकाया जाता है. इसके बाद तेंदूपत्ता की परत बनाकर प्याज रखा जाता है। इसे भी तेंदूपत्ता से पैक किया जाता है। इस प्रक्रिया से आम 5 से 7 दिनों में पक जाते हैं।”

पूरे गांव से गोबर खरीदकर बनाई जाती है खाद विजय पवार ने बताया कि वे पूरे दुनावा क्षेत्र से गोबर खाद खरीदते हैं। खाद की क्षमता भी बनी रहती है। बीमारियों से बचाव के लिए ही रासायनिक दवाओं का छिड़काव किया जाता है। मिट्टी के लिए फायदेमंद बैक्टीरिया और केंचुए के लिए बहुत फायदेमंद गोबर की खाद का प्रयोग मिट्टी में केंचुओं की मात्रा तेजी से बढ़ती है, जिससे मिट्टी बहुत उपजाऊ हो जाती है।

News Source Credit : ETV Bharat 

न्यूज़ को शेयर करने के नीचे दिए गए icon क्लिक करें

Related Articles

Back to top button