Betul News – विभाग ने की पुष्टि: बैतूल के जंगल में बाघ के शिकार का जिक्र, पूर्व जनपद सदस्य समेत 5 गिरफ्तार

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Betul News : उत्तर वन परीक्षण रेंज में बाघ के शिकार की पुष्टि प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय मध्यप्रदेश द्वारा जारी प्रेस नोट से की गयी है। पहले यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि शिकारियों ने बाघ का शिकार बैतूल, छिंदवाड़ा या होशंगाबाद में किया था. लेकिन मुख्य वन संरक्षक, सहायक वन संरक्षक वन्य प्राणी कार्यालय द्वारा जारी प्रेस नोट में बैतूल के जंगल में बाघ के शिकार का जिक्र किया गया है.

गौरतलब है कि जब एसटीएफ और एसटीआर की संयुक्त टीम ने शिकारियों से शिकार की जगह के बारे में पूछा और उन्हें अपने साथ जंगल में ले गई. फिर भी शिकारियों ने जांच अधिकारियों को असीरगढ़ के जंगल में शिकार करने की बात कहकर उक्त स्थान पर ले गए. लेकिन जहां बाघ का शिकार किया गया। ऐसा कोई सबूत नहीं मिला। जिससे जांच अधिकारी संतुष्ट हो सके। बताया जा रहा है कि शिकार बरसात के मौसम में किया गया है। इसलिए बाघ के अवशेष बारिश के पानी के साथ बहने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

हालांकि वन विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट से यह साफ हो गया है कि बाघों के शिकार और तस्करी में और भी कई नामों से इंकार नहीं किया जा सकता है.

बाघ के अवैध शिकार मामले में पहली गिरफ्तारी 12 जनवरी को हुई थी। छिंदवाड़ा जिले की दमुआ तहसील के ग्राम भाखरा के एक व्यक्ति को एक जंगली जानवर बाघ की खाल सहित गिरफ्तार कर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. वन्यजीव मुख्यालय द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण को आगे की जांच के लिए इस टाइगर स्ट्राइक फोर्स की इकाई नर्मदा पुरम को स्थानांतरित कर दिया गया था।

इसके बाद 17 जनवरी को सरपंच को जनपद पंचायत जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा से गिरफ्तार कर हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी. 22 जनवरी को तीन और आरोपितों को गिरफ्तार कर मौके पर ही न्यायालय में पेश किया। इस मामले में अब तक पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इन पांच गिरफ्तारियों में एक पूर्व जनपद सदस्य और सरपंच भी शामिल हैं।

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