Betul News : आयुष्मान भारत योजना में अनियमितता को लेकर बड़ी कार्यवाही – वैष्णवी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त

आयुष्मान भारत योजना में अनियमितता के मामले में हुई कार्यवाही
बैतूल टॉक्स : आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए निजी हास्पीटल वैष्णवी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। आयुष्मान योजना में अनियमितताओं को लेकर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस(IAS Amanbeer Singh Bais) को शिकायत मिली थी। शिकायतों को लेकर उनके द्वारा संयुक्त टीम बनाई गई थी। जिसमें बैतूल एसडीएम कैलाश परते, सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी, तहसीलदार प्रभात मिश्रा एवं आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक सुदीप माईती शामिल थे। टीम ने 19 अक्टूबर को वैष्णवी अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया जिसमें प्राप्त शिकायतें प्रथम दृष्टया सही पाई गई थी। इसी को लेकर सीएमएचओ बैतूल ने जांच के दौरान कमियां पाई थी उसी को लेकर वैष्णवी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है।
आयुष्मान योजना में मिला था फर्जीवाड़ा
सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी ने बताया कि वैष्णवी अस्पताल के संचालक को लाइसेंस निरस्त करने का आदेश भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना(Ayushman Bharat Yojna) में पाई गई अनियमितताओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसका जवाब प्रस्तुत किया गया लेकिन जवाब के परीक्षण में उल्लेखित बिंदु असंतोषजनक पाया जो अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 का उल्लंघन पाया गया।
बताए थे 19 मौजूद थे मात्र 7 मरीज
डॉ. तिवारी ने बताया कि वैष्णवी अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत पोर्टल पर 19 मरीजों को भर्ती दिखाया था जबकि निरीक्षक के समय भौतिक सत्यापन करने पर अस्पताल में केवल 7 मरीज ही जिसमें 4 मरीज आईसीयू में एवं 3 मरीज जनरल वार्ड में भर्ती थे। निरीक्षण टीम के अचानक पहुंचने के दौरान ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा था जो कि अस्पताल में मौजूद थे ही नहीं। यह गड़बड़ी भी टीम द्वारा पकड़ी गई थी।
मरीज के परिजनों से लिए थे 22 हजार रु
इस दौरान मरीजों से चर्चा करने पर मरीज बुधराव देशमुख के परिजन कमलेश देशमुख ने 22 हजार रुपए अस्पताल में जमा करना बताया जिसके बिल भी उसके पास मौजूद थे। जबकि पोर्टल पर इस मरीज का आयुष्मान से उपचार करना दर्शाया गया था। अस्पताल में कोई भी एमबीबीएस(MBBS) डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं था। केवल बीएचएमएस डॉक्टर राजेश कुमार जगदेव आईसीयू में उपचार कर रहे थे।
अस्पताल में नहीं मिला था एमबीबीएस डॉक्टर
जबकि अस्पताल प्रबंधन ने 4 एमबीबीएस डॉक्टर होना बताया था। अस्पताल में रेट लिस्ट भी डिस्प्ले नहीं थी। सीएमएचओ ने तत्काल प्रभाव से वैष्णवी अस्पताल में नए मरीजों को भर्ती एवं उपचार नहीं करने, नर्सिंग होम की समस्त गतिविधियां बंद करने के निर्देश दिए हैं। केवल पहले से भर्ती मरीजों को प्रोटोकाल अनुसार डिस्चार्ज होने तक उपचार करने की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही अस्पताल की समस्त गतिविधियां बंद कर कार्यालय को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।