Benefits of Mantra : बुरे वक्त में काम आते हैं धर्मग्रंथों के यह दिव्य मंत्र और 5 पाठ

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Benefits of Mantra :  प्रत्येक मनुष्य के जीवन में कई तरह के संकट और तो उन संकटों का आध्यात्मिक समाधान भी है । प्रत्येक धर्म में कुछ ऐसे दिव्य मंत्र और चमत्कारी स्त्रोत के बारे में बताया गया है । जिनके जब या पाठ से हम संकटों से बाहर निकल जाते हैं । हमें दहिया सहायता प्राप्त होती है और हमारा आत्म बल भी बढ़ जाता है । आइए जानते हैं ऐसे ही 6 दिव्य मंत्र और 5 पाठों के बारे में पूरी जानकारी

1 गायत्री मंत्र :  ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥

गायत्री मंत्र

मंत्र प्रभाव : यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंत्र है जो ईश्वर के प्रति ईश्वर का साक्षी और ईश्वर के लिए है यह मंत्रों का मंत्र सभी हिंदू शास्त्रों में प्रथम और महामंत्र कहा गया है । हर समस्या के लिए मात्र एक ही मंत्र कारगर है बस शर्त यह है । कि इससे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है ।

2 महामृत्युंजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

महामृत्युंजय मंत्र

मंत्र प्रभाव : शिव का महामृत्युंजय मंत्र मृत्यु अकाल को डालने वाला माना जाता है । इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकट मोचन होता है । यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है । या बहुत बीमार है तो नियम पूर्वक इस मंत्र का सहारा ले बस शर्त यह है । कि जब अपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है ।

3 श्रीकृष्ण मंत्र : श्रीकृष्ण शरणं मम या कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः॥

श्रीकृष्ण मंत्र

मंत्र प्रभाव : इस मंत्र का नित्य जप करने से पहले है और क्लेशो का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती है । प्रति दिन पहले मंत्र का जप तप करना चाहिए जबकि आप श्रीकृष्ण के अलावा अन्य किसी देवी या देवताओं में चित्र नहीं रहते हो श्री कृष्ण की शरण में होने के बाद फिर किसी अन्य को नहीं भजना चाहिए ।

4 शिव मंत्र : ॐ नमः शिवाय

मंत्र प्रभाव : इस मंत्र का निरंकारी करते रहने से चिंता मुक्त जीवन मिलता है यह मंत्र जीवन में शांति और से कविता प्रधान करता है । शिवलिंग पर जलवा बेलपत्र चढ़ाते हुए , इस मंत्र भोले बहुत राशि की माला से जब करती शब्दों का यह मंत्र महा मंत्र है ।

5 राम मंत्र : राम…. राम…. राम…

मंत्र प्रभाव : हनुमान जी भी राम नाम का ही जब करते रहते हैं कहते हैं राम से भी बढ़कर श्री राम का नाम है । इस मंत्र का निरंतर जप करते रहने से मन में शांति का प्रचार होता है चिंताओं से छुटकारा मिलता है तथा दिमाग शांत रहता है । राम नाम के जप को सबसे उत्तम माना जाता है , यह सभी तरह के नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है , और ह्रदय को निर्मल बनाकर भक्ति भाव का संचार करता है ।

6 हनुमान मंत्र : ॐ ह हनुमते नमः

ॐ हं हनुमत्ये नमो नमः OM HAN HANUMATE NAMO NAMAH LYRICS

मंत्र प्रभाव : यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट दरिया आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें और फिर निश्चित हो जाए , किसी भी कार्य की सफलता और विजई होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए । इस मंत्र यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है हनुमान जी को सिंदूर गुड़ चना चढ़ाकर इस मंत्र का नित्य स्मरण करने से फलदाई देने वाला माना जाता है । यदि तुल्य कष्ट हो रहा है तो इस मंत्र का तुरंत ही जप करना चाहिए

अब जानिए चमत्कारिक 5 पाठ के बारे में

1.  श्रीराम रक्षा स्त्रोत

इसका नित्य पाठ करने से धन सुख समृद्धि और निर्भीकता का संचार होता है नित्य पाठ करने वाली की प्रभु श्री राम और उनके भक्त हनुमान स्वयं रक्षा करते हैं

2. विष्णु सहस्त्र नाम स्त्रोत

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यह सुख ऐश्वर्य संपन्नता , सफलता , आरोग्य और सौभाग्य प्राप्त होता है तथा मनोकामना की पूर्ति होती है ।

3. सुंदरकांठ का पाठ

हनुमान जी के सुंदरकांड का पाठ सप्ताह में एक बार जरूर करना चाहिए सुंदरकांड का पाठ सभी मनोकामना को पूर्ण करने वाला माना जाता है । किसी भी प्रकार की परेशानी है । संकट को सुंदरकांड के पाठ से यह संकट तुरंत ही दूर हो जाता है । प्रतिदिन हनुमान जी की चालीसा का पाठ या बजरंग बाण का पाठ करने से भी लाभ प्राप्त होते हैं ।

4. दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ

दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ करने के लिए बहुत सावधानी और पवित्रता रखना होता है । उक्त पाठ पढ़ने से व्यक्ति को तीन लोक में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता और ना ही उसे किसी भी प्रकार का रोग और शोक सकता है बार-बार इसका पाठ करने से जातक को कई तरह की सिद्धियां प्राप्त होती है ।

5. गीता का पाठ

गीता का पाठ करने से हमारी बुद्धि जागृत होकर सत मार्ग में लग जाती है मन और मस्तिष्क के सारे शोक और संताप मिट जाते हैं नित्य पाठ करने से व्यक्ति को दैवीय सहायता प्राप्त होने लगती है ।

डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई जानकारी सामग्री गन्ना की प्राथमिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है । सूचना के विभिन्न माध्यमों ज्योतिष /पंचांग /प्रवचनओं /धार्मिक मान्यताओं /धर्म ग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई है । हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझ कर ही ले ।

 

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